प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा को समर्पित एक पवित्र दिन है। इसे हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। खासतौर पर सुहागिन महिलाओं के लिए यह तिथि अधिक शुभ मानी जाती है। इस दिन शिव परिवार की पूजा से वैवाहिक जीवन में शांति आती है। इस बार प्रदोष व्रत 13 दिसंबर को है। इस दिन शिव योग का निर्माण होने से यह और भी अधिक शुभ माना जा रहा है।
दिसंबर 2024 में प्रदोष व्रत मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा। तिथि का विवरण इस प्रकार है।
बता दें कि इस दिन शिव योग और साध्य योग का संयोग बन रहा है। शिव योग सुबह 11:53 बजे तक रहेगा। इसके बाद साध्य योग शुरू होगा जो अगले दिन तक रहेगा। इन योगों में पूजा करना बेहद फलदायी होता है।
प्रदोष व्रत की पूजा के लिए विशेष विधि का पालन करना चाहिए।
इस व्रत के पालन से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो अपने जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की कामना करते हैं। शिव योग और साध्य योग में पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सुहागिन महिलाओं के लिए यह दिन बेहद शुभ होता है क्योंकि शिव-पार्वती की पूजा वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाती है। दिसंबर 2024 का प्रदोष व्रत विशेष योगों के कारण अत्यंत शुभ है। इस दिन विधि-विधान से शिव-पार्वती की पूजा करें और सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करें।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना गया है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है और हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है।
मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती कि विशेष रूप से पूजा की जाती है, जो शिव भक्तों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।
हिंदू धर्म में प्रत्येक अमावस्या का विशेष महत्व होता है, लेकिन वैशाख माह की अमावस्या विशेष रूप से फलदायक मानी जाती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस तिथि को पितरों की शांति और मोक्ष के लिए उत्तम दिन माना जाता है। इस दिन किए गए तर्पण, पिंडदान और पूजा से पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।