होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत और भक्ति की शक्ति को दर्शाता है। कुछ जगह मान्यता है कि होलिका में राक्षस हिरण्यकश्युप की बहन होलिका जल गईं थीं इसलिए ये अशुभता का प्रतीक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार होलिका दहन की राख शुभ होती है क्योंकि इसमें सारी नकारात्मकता और बुरी नजर सब कुछ जल चुकी होती है। यह संपूर्ण रूप से शुद्ध और गुणकारी मानी जाती है, जिसे कई प्रकार के टोटकों और उपायों में प्रयोग किया जा सकता है।
यदी आप लंबे समय से परेशान हैं तो होलिका दहन की राख को कुछ विशेष मंत्रों और विधियों के साथ प्रयोग कर अपने स्वास्थ्य को ठीक कर सकते हैं। आइए उन सभी मंत्रों और विधियों को समझते हैं:
होलिका दहन की राख धन लाभ के लिए सबसे अधिक हितकारी मानी जाती है। राख को अपने घर लाकर लाल कपड़े में रख पोटली बना लें और “ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः” का जाप कर, अपने घर की तिजोरी में रख दीजिए। इससे आपको धनलाभ होगा। आप चाहें तो इसे अपने घर के सदस्यों के बटुआ में भी रख सकते हैं जिससे उन्हें धन हानि की समस्या कभी नहीं होगी।
होलिका दहन की राख को घर लाकर शंख के जल में मिला लें, “ॐ नृसिंघाय नमः” का जाप करते हुए इस जल को पूरे घर के कोनों में छिड़कें। इससे आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी और नकारात्मक दूर हो जाएगी साथ ही, यह आपके घर की बुरी नजर से भी रक्षा करेगा।
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश और शिव परिवार की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि गणपति बप्पा की पूजा करने से सभी तरह के विघ्न दूर होते हैं। इसलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।
इस बार नए साल के पहले हफ्ते में कई व्रत-त्योहार पड़ने वाले हैं। इस बार नए साल की शुरुआत बुधवार के दिन हो रही है। ऐसे में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना अधिक शुभ रहेगा।
स्कंद षष्ठी हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है।
स्कंद षष्ठी का व्रत हर माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 की पहली स्कन्द षष्ठी 05 जनवरी को मनाई जाएगी।