आज तो गुरुवार है, सदगुरुजी का वार है।
गुरुभक्ति का पी लो प्याला, पल में बेड़ा पार है ॥ 1 ॥
गुरुचरणों का ध्यान लगाओ, निर्मल मन हो जायेगा।
तन मन धन गुरु चरण चढ़ाकर, विनती बारंबार है ॥ 2 ॥
प्रभु को भूल गये औ प्यारे ! माया में लिपटाए हो।
पूर्व पुण्य से नर तन पाया, मिले न बारंबार है ॥ 3 ॥
गुरुभक्ति से प्रभु मिलेंगे, बिन गुरु गोता खायेगा।
भवसागर में डूबी नैया, सदगुरु तारणहार हैं ॥ 4 ॥
गुरु हमारे ज्ञान के दाता, भक्तों का कल्याण करो।
निर्मोही बलिहार है, अर्जी बारंबार है ॥ 5 ॥
वैशाखी भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे विशेष रूप से पंजाब और उत्तर भारत में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख महीना हिन्दू वर्ष का का दूसरा महीना होता है। यह महीना विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है।
सनातन धर्म में वैशाख महीने का बहुत ही अधिक धार्मिक महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने वैशाख महीने को सबसे श्रेष्ठ महीनों में से एक बताया है।
वर्ष 2025 का चौथा महीना चल रहा है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हिन्दू वर्ष का पहला महीना चैत्र चल रहा है, और कुछ ही दिनों में यह खत्म भी होने वाला है।