ढोलिडा ढोल रे वगाड़ (Dholida Dhol Re Vagad)

ढोलिडा ढोल रे वागाड़,

मारे हिंच लेवी छे,

हिच लेवी छे,

हामे जापे जावा से,

हिच लेवी छे,

हामे जापे जावा से,

ढोलिडा ,,,,,,,,,

ढोलिडा ढोल रे वगाड़,

मारे हिंच लेवी छे,

ढोलिडा ढोल रे वगाड़,

मारे हिंच लेवी छे ॥


तारे किया भाई ने जोगळे,

हवे हिच लेवी छे,

तारे किया भाई ने जोगळे,

हवे हिच लेवी छे,

म्हारा सायबा तारी जोगळे,

मारे हिच लेवी छे,

म्हारा सायबा तारी जोगळे,

मारे हिच लेवी छे,

तारा ढोल नी माते,

डांडियों पड़े ने,

मारा हिवड़ा लेवे जाए,

मारा हिवड़ा लेवे जाए,

मारा दिलड़ा लेवे जाए,

ढोलिडा ,,,,,,,,,

ढोलिडा ढोल रे वगाड़,

मारे हिंच लेवी छे ॥


तारे किया भाई ने डांडिये,

हवे हिच लेवी छे,

तारे किया भाई ने डांडिये,

हवे हिच लेवी छे,

म्हारा सायबा तारी डांडिये,

हवे हिच लेवी छे,

म्हारा सायबा तारी डांडिये,

मारे हिच लेवी छे,

तारा ढोल नी माते,

जद डांडियों पड़े ने,

मारा हिवड़ा लेवे जाए,

मारा हिवड़ा लेवे जाए,

मारा दिलड़ा लेवे जाए,

ढोलिडा ,,,,,,,,,

ढोलिडा ढोल रे वगाड़,

मारे हिंच लेवी छे ॥


तारे किया भाई ने देशे,

हवे हिच लेवी छे,

तारे किया भाई ने देशे,

हवे हिच लेवी छे,

म्हारा सायबा तारी देशे,

हवे हिच लेवी छे,

म्हारा सायबा तारी देशे,

मारे हिच लेवी छे,

तारा ढोल नी माते,

जद डांडियों पड़े ने,

मारा हिवड़ा लेवे जाए,

मारा हिवड़ा लेवे जाए,

मारा दिलड़ा लेवे जाए,

ढोलिडा ,,,,,,,,,

ढोलिडा ढोल रे वगाड़,

मारे हिंच लेवी छे ॥


ढोलिडा ढोल रे वागाड़,

मारे हिंच लेवी छे,

हिच लेवी छे,

हामे जापे जावा से,

हिच लेवी छे,

हामे जापे जावा से,

ढोलिडा ,,,,,,,,,

ढोलिडा ढोल रे वगाड़,

मारे हिंच लेवी छे,

ढोलिडा ढोल रे वगाड़,

मारे हिंच लेवी छे ॥

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श्री परशुराम जी की आरती (Shri Parshuram Ji Ki Aarti)

ॐ जय परशुधारी, स्वामी जय परशुधारी।
सुर नर मुनिजन सेवत, श्रीपति अवतारी॥

ऋषि पंचमी का व्रत रखने से महिलाओं को मिलती है रजस्वला दोष से मुक्ति, पहली बार व्रत रखने पर ध्यान रखें ये नियम

हिंदू धर्म में व्रत रखना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। ये हमें अपने जीवन को सुधारने और आध्यात्म से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है साथ ही हमारे शरीर का संतुलन भी बना रहता है।

कालाष्टमी की मंत्र जाप

कालाष्टमी पर्व भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की शक्ति और महिमा का प्रतीक है। जब भगवान शिव के क्रोध से काल भैरव का जन्म होता है। काल भैरव समय के भी स्वामी हैं।

मेरे श्याम धणी की मोरछड़ी(Mere Shyam Dhani Ki Morchadi)

मेरे श्याम धणी की मोरछड़ी,
पल भर में जादू कर जाएगी,

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