लौट के आजा नंद के दुलारे,
उम्मीद लगाए,
ना जाने मेरो,
लाला कब आए ॥
लौट के आजा नंद के दुलारे,
मैया यशोदा तुझको पुकारे,
मैया यशोदा तुझको पुकारे ॥
अक्रूर आया मेरे दिल का,
वो टुकड़ा ले गया,
चांदनी चकोरी में,
चाँद का वो टुकड़ा ले गया,
दर्शन को तरसे,
दर्शन को तरसे,
नैन बिचारे,
मैया यशोदा तुझको पुकारे,
मैया यशोदा तुझको पुकारे ॥
मधुवन है सुना सुना,
सुनी है सारी वो नगरीया,
प्यासे है व्याकुल नैना,
आ जाओ बांके ओ बिहारी,
यादो में तुम्हरी,
यादो में तुम्हरी रोए,
नैन हमारे,
मैया यशोदा तुझको पुकारे,
मैया यशोदा तुझको पुकारे ॥
लौट के आजा नंद के दुलारें,
मैया यशोदा तुझको पुकारे,
मैया यशोदा तुझको पुकारे ॥
चैत्र नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। इस दौरान मां दुर्गा की आराधना से भक्तों को मानसिक शांति, भौतिक सुख और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। दुर्गा सप्तशती का पाठ विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है, लेकिन हर राशि के लिए अलग-अलग अध्यायों का पाठ करने का महत्व बताया गया है।
नवरात्रि के अष्टमी-नवमी तिथि के संधि काल में की जाने वाली संधि पूजा का विशेष महत्व है। इस पूजा में देवी महागौरी और मां सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस पूजा के दौरान 108 दीये जलाने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
हिन्दू धर्म मे नवरात्रि का विशेष महत्व है। हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होकर रामनवमी तक चलने वाला यह पर्व भक्तों के लिए देवी के चरणों में समर्पण का प्रतीक बन जाता है। इस बार नवरात्रि 30 मार्च से 6 अप्रैल तक मनाई जाएगी।
चैत्र नवरात्रि और सालभर में पड़ने वाली सभी नवरात्रियों में अखंड ज्योति जलाई जाती है। अखंड ज्योति का अर्थ है—ऐसी ज्योति जो खंडित न हो। नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से माता रानी प्रसन्न होती हैं और उनके आशीर्वाद से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।