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मैं बेटा हूँ महाकाल का - भजन (Main Beta Hun Mahakal Ka)

मैं बेटा हूँ महाकाल का - भजन (Main Beta Hun Mahakal Ka)

दीवाना हूँ महाकाल का,

उज्जैन के सरकार का,

भोले बाबा मेरे है,

मैं बेटा हूँ महाकाल का,

दीवाना हूँ महाकाल का,

उज्जैन के सरकार का ॥


दरबार तेरे आऊंगा,

तेरी भक्ति में रंग जाऊंगा,

सब भक्तो के साथ मिलकर,

तेरी जय जयकार लगाऊंगा,

ना घेरा हो कोई काल का,

ना माया का ना जंजाल का,

भोले बाबा मेरे है,

मैं बेटा हूँ महाँकाल का,

दीवाना हूँ महाँकाल का,

उज्जैन के सरकार का ॥


जब जब जपलु जय महाँकाल,

जीवन हो जाये खुशहाल,

कृपा करदो बस महाँकाल,

भगत तेरा हो जाये निहाल,

दुनिया के पालनहार का,

मेरे शम्भू दिन दयाल का,

भोले बाबा मेरे है,

मैं बेटा हूँ महाँकाल का,

दीवाना हूँ महाँकाल का,

उज्जैन के सरकार का ॥


दुनिया से अब नही है नाता,

तू ही पिता मेरा तू ही माता,

मुझको नही अब कोई भाता,

भक्त तो महाँकाल गाता,

जग में मेरे मान का,

तू रखता ध्यान हि लाल का,

भोले बाबा मेरे है,

मैं बेटा हूँ महाँकाल का,

दीवाना हूँ महाँकाल का,

उज्जैन के सरकार का ॥


दीवाना हूँ महाकाल का,

उज्जैन के सरकार का,

भोले बाबा मेरे है,

मैं बेटा हूँ महाकाल का,

दीवाना हूँ महाकाल का,

उज्जैन के सरकार का ॥

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चैत्र माह कब से शुरू होगा

चैत्र माह हिंदू पंचांग का पहला और अत्यंत पावन महीना है, जिसे भक्ति, साधना और आराधना का प्रतीक माना जाता है। इस महीने से न केवल हिन्दू नववर्ष की शुरुआत होती है, बल्कि प्रकृति में भी बदलाव दिखाई देता है।

इस दिन होगी हिंदू नववर्ष की शुरुआत

आम तौर पर नए साल की शुरुआत 1 जनवरी को होती है। लेकिन हिंदू पंचांग के अनुसार नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होती है। इस बार यह तिथि 30 मार्च को पड़ेगी। बता दें कि हिंदू कैलेंडर, आम कैलेंडर से 57 साल आगे चलता है, जिसे विक्रम संवत के नाम से जाना जाता है।

18 March 2025 Panchang (18 मार्च 2025 का पंचांग)

पंचांग के अनुसार, आज कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के साथ मंगलवार पड़ रहा है। व्याघात योग आमतौर पर इस दिन ज्यादातर कामों को प्रोत्साहित नहीं करता है, क्योंकि यह ज्योतिष के अशुभ प्रभाव में है।

जनेऊ संस्कार शुभ मुहूर्त अप्रैल 2025

हिंदू धर्म में उपनयन संस्कार एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। उपनयन शब्द का अर्थ है "अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ना"। इस अनुष्ठान से बालक को धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है।

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