मेरी भक्ति के बदले वचन देना,
मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥
रोज़ मुझे दर पे बुलाती तू रहना,
हाथ मेरे सर पे फिराती तू रहना,
मेरी झोली में सेवा का धन देना,
मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥
मंदिर तेरा मुक्ति का धाम दादी,
इतना सा करना बस एहसान दादी,
तेरी चौखट पे जीवन मरण देना,
मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥
आँखों से आंसू बरसने लगे माँ,
सुनने को कान तरसने लगे माँ,
मेरे भजनों में इतना वजन देना,
मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥
जिस चुनड़ी का देव गुणगान करते,
झुक झुक ‘बनवारी’ जिसे प्रणाम करते,
इसके आँचल में मुझको शरण देना,
मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥
मेरी भक्ति के बदले वचन देना,
मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥
होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जिसके 8 दिन पहले होलाष्टक तिथि रहती है। आध्यात्मिक ग्रंथों के अनुसार इस समय ब्रह्मांडीय ऊर्जा बहुत अधिक होती है तथा ग्रह अपने स्थान बदलते हैं।
होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाई जाती है और यह तिथि बहुत ही शुभ होती है, इस दिन जाप और पूजा करने से हमें सिद्धि प्राप्त हो सकती है।
होली रंगों का त्योहार है। इसलिए भगवान को रंग चढ़ाना और भी खास और शुभ होता है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि किस भगवान को कौन सा रंग चढ़ाया जाता है और उसका क्या महत्व है।
चंद्र ग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में आते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है।