उठ खड़ा हो लक्ष्मण भैया जी ना लगे,
लखनवा नही जाना की जी ना लगे ॥
सुनले लक्ष्मण भैया रोएगी तेरी मैया,
मुखड़ा दिखलाऊंगा कैसे,
मुखड़ा दिखलाऊंगा कैसे,
जी ना लगे,
लखनवा नही जाना की जी ना लगे ॥
सुन मेरे बजरंगी अब तू ही मेरा संगी,
ला कर दे संजीवन बूटी,
ला कर दे संजीवन बूटी,
जी ना लगे,
लखनवा नही जाना की जी ना लगे ॥
संजीवन बूटी लाई लक्ष्मण को घोल पिलाई,
गले मिल गये दोनो भैया,
गले मिल गये दोनो भैया,
जी ना लगे,
लखनवा नही जाना की जी ना लगे ॥
भक्त मंडल ने गाइ तेरी महिमा बर्नी ना जाये,
भव सागर मे नैया डोले,
भव सागर मे नैया डोले,
जी ना लगे,
लखनवा नही जाना की जी ना लगे ॥
उठ खड़ा हो लक्ष्मण भैया जी ना लगे,
लखनवा नही जाना की जी ना लगे ॥
प्रथम मनाये गणेश के, ध्याऊ शारदा मात,
मात पिता गुरु प्रभु चरण मे, नित्य नमाऊ माथ॥
ओ गणनायक महाराज सुमिरा जोडू दोनों हाथ,
ओ गणनायक महाराज,
गजानंद वंदन करते है ॥
आज सभा में स्वागत है,
जमुना के तट पर,
मारी नजरिया ऐसी सांवरिया ने,