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गंगोत्री धाम यात्रा गाइड 2025

गंगोत्री धाम यात्रा गाइड 2025

Gangotri Dham Tour Guide 2025: गंगोत्री धाम कैसे पहुंचे और कहां रूके, जानिए यात्रा का सही रूट


गंगोत्री धाम, उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है और इसे पवित्र गंगा नदी का उद्गम स्थल माना जाता है। इसलिए हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक यहां आकर मां गंगा के दर्शन करते हैं। साथ ही, चारधाम यात्रा में भी गंगोत्री का विशेष महत्व है। 

जानिए गंगोत्री धाम तक पहुँचने के सड़क मार्ग 

गंगोत्री पहुंचने के लिए सड़क मार्ग सबसे आसान रास्ता है। ऋषिकेश से गंगोत्री की दूरी लगभग 259 किलोमीटर है, जिसके लिए आप ऋषिकेश से गंगोत्री तक बस या टैक्सी ले सकते हैं। उत्तरकाशी से आगे का रास्ता पहाड़ी और घुमावदार है, लेकिन रास्ते भर हिमालय की खूबसूरत वादियों का आप आनंद ले सकते हैं।

यदि आप गोमुख तक जाना चाहते हैं, तो गंगोत्री से गोमुख का ट्रेक लगभग 18 किलोमीटर का है। जिसे पैदल चलकर ट्रेक किया जा सकता है या चाहे तो खच्चर भी किराए पर ले सकते हैं।

जानिए गंगोत्री की रेलवे और एयरवेज की जानकारी 

  • गंगोत्री का नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है, जो गंगोत्री से लगभग 266 किलोमीटर दूर है। इसलिए ऋषिकेश स्टेशन से गंगोत्री के लिए टैक्सी या बस सेवा लेकर यात्रा पूरी की जा सकती है।
  • देहरादून का जौलीग्रांट हवाई अड्डा गंगोत्री का नजदीक हवाई अड्डा है, जो गंगोत्री से लगभग 300 किलोमीटर दूर स्थित है। साथ ही, देहरादून से गंगोत्री के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएँ भी उपलब्ध हैं।

गंगोत्री यात्रा के लिए ये होटल हैं सबसे अच्छे

गंगोत्री और इसके आसपास ठहरने के कई विकल्प मौजूद हैं। यहां आपको बजट से लेकर मिड-रेंज तक के होटल, गेस्ट हाउस और कैंपिंग साइट्स मिल जाएंगी।
उत्तरकाशी, गंगनानी जैसे छोटे शहर भी ठहरने के लिए अच्छी जगह हैं।
इसके अलावा, कई धर्मशालाएँ और आश्रम भी यात्रियों को सस्ती और सुविधाजनक आवास सेवा प्रदान करते हैं। यदि आप वहां व्यस्त समय में जा रहे हैं, तो सुविधा के लिए पहले से कमरे बुक कर लें।

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गुरु पूर्णिमा की रोचक कथा

वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह पूर्णिमा तिथि आती है, और इस दिन व्रत का विधान होता है। हालांकि, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

जगन्नाथ रथ यात्रा क्यों मानते हैं

सनातन धर्म में हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा को रथ महोत्सव और गुंडिचा यात्रा के नाम से भी जाना जाता है।

हनुमान जयंती मुहूर्त और पूजा-विधि

हनुमान जी का जन्मोत्सव हर वर्ष चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। उनकी कृपा से व्यक्ति को सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। अभिजीत मुहूर्त में पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

गणेश चतुर्थी व्रत कथा

गणेश चतुर्थी को गणपति जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन संपूर्ण विधि-विधान के साथ घर में एक दिन, दो दिन, तीन दिन या फिर 9 दिनों के लिए गणेश जी की स्थापना की जाती है।

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