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दर्श अमावस्या पूजा विधि

दर्श अमावस्या पूजा विधि

Darsha Amavasya Puja Vidhi: दर्श अमावस्या के दिन इस विधि से करें तर्पण और पिंडदान, पूर्वजों को मिलेगी शांति 

हिंदू पंचांग में प्रत्येक अमावस्या तिथि को विशेष धार्मिक महत्त्व प्राप्त है, लेकिन दर्श अमावस्या का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण एवं विशेष माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से पितृ तर्पण और पिंडदान जैसे कर्मों के लिए समर्पित होता है। दर्श अमावस्या का संबंध पूर्वजों की आत्मिक उन्नति और मोक्ष प्राप्ति से जोड़ा जाता है। इस वर्ष यह 25 जून को मनाया जाएगा। 

तर्पण के समय पितृ संबंधित मंत्रों का करें जाप 

  • दर्श अमावस्या के दिन तर्पण करने की विधि शास्त्रों में स्पष्ट रूप से वर्णित है। प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना आवश्यक है, विशेषकर गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान करना श्रेष्ठ माना गया है। 
  • स्नान के पश्चात पवित्र स्थान पर बैठकर पितरों का स्मरण करें और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।
  • इसके बाद एक ताम्र या कांस्य पात्र में स्वच्छ जल, गंगाजल, काले तिल, कुशा (दर्भा घास) और कुछ बूंदें गाय का दूध रखें।
  • दक्षिण दिशा की ओर मुख करके, अपने पितरों के नाम लेते हुए तीन बार जल अर्पित करें। यह क्रिया 'तर्पण' कहलाती है।
  • इस दौरान पितृ गायत्री मंत्र या अन्य पितृ संबंधित मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना गया है। जैसे ‘ॐ पितृभ्यः स्वधा नमः’ या ‘ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्’

कौओं को कराएं भोजन 

तर्पण के बाद कौवों को भोजन कराना विशेष महत्त्व रखता है क्योंकि कौवे को पितरों का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि जब कौवा भोजन ग्रहण करता है तो वह भोजन पितरों तक पहुंचता है। 

इसके बाद ब्राह्मणों या ज़रूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा का दान करना अत्यंत पुण्यकारी होता है।

पिंडदान की संपूर्ण विधि 

पिंडदान, तर्पण से एक कदम आगे का कर्म है, जिसे अत्यंत श्रद्धा से संपन्न करना चाहिए। इसके लिए आवश्यक सामग्री में शामिल हैं: जौ, काले तिल, चावल और घी। 

इन सामग्रियों से पिंड बनाए जाते हैं। आमतौर पर तीन पिंड बनाए जाते हैं – पिता, पितामह और प्रपितामह के नाम पर। पिंड बनाते समय पितरों के नामों का उच्चारण करते हुए उन्हें समर्पित करें। साथ ही, पितृ सूक्त या अन्य पितृ मंत्रों का जाप करें। पिंडदान के दौरान जल का छिड़काव और मंत्रोच्चारण करते हुए पिंड अर्पण किए जाते हैं।

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