July Hindu Calendar 2025: जुलाई में 21 दिन पड़ेंगे तीज-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट
जुलाई का महीना भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सवों का एक जीवंत समय होता है, जब प्रकृति और आस्था का अनूठा संगम देखने को मिलता है। इस माह में मानसून की बारिश से धरती हरियाली से आच्छादित हो जाती है और चारों ओर ताजगी का माहौल होता है। जुलाई में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं, जो भक्ति, श्रद्धा और उत्साह के प्रतीक हैं। इस महीने में गुरु पूर्णिमा, सावन का पवित्र माह, हरियाली तीज, नाग पंचमी और तुलसीदास जयंती जैसे पर्व विशेष महत्व रखते हैं। ये त्योहार न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत करते हैं। आइए, जुलाई 2025 में पड़ने वाले प्रमुख व्रत और त्योहारों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
जुलाई 2025 में आने वाले व्रत और त्योहारों की पूरी लिस्ट यहां पढ़ें
- 2 जुलाई 2025- विवस्वत सप्तमी
- 3 जुलाई 2025- मासिक दुर्गाष्टमी
- 6 जुलाई 2025- गौरी व्रत प्रारम्भ, देवशयनी एकादशी
- 7 जुलाई 2025- वासुदेव द्वादशी, चातुर्मास प्रारंभ
- 8 जुलाई 2025- जयापार्वती व्रत प्रारम्भ, भौम प्रदोष व्रत
- 10 जुलाई 2025- कोकिला व्रत, गुरु पूर्णिमा, व्यास पूजा, गौरी व्रत समाप्त, आषाढ़ पूर्णिमा व्रत
- 11 जुलाई 2025- श्रावण मास प्रारंभ, पार्थिव शिव पूजन
- 13 जुलाई 2025- जयापार्वती व्रत समाप्त
- 14 जुलाई 2025- प्रथम श्रावण सोमवार व्रत, गजानन संकष्टी चतुर्थी
- 15 जुलाई 2025- प्रथम मंगला गौरी व्रत
- 17 जुलाई 2025- कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
- 20 जुलाई 2025- मासिक कार्तिगाई
- 21 जुलाई 2025- द्वितीय श्रावण सोमवार व्रत, रोहिणी व्रत, कामिका एकादशी
- 22 जुलाई 2025- द्वितीय मंगला गौरी व्रत, भौम प्रदोष व्रत
- 23 जुलाई 2025- श्रावण शिवरात्रि, मासिक शिवरात्रि
- 24 जुलाई 2025- हरियाली अमावस्या, आदि अमावसाई, दर्श अमावस्या, श्रावण अमावस्या
- 27 जुलाई 2025- हरियाली तीज
- 28 जुलाई 2025- तृतीय श्रावण सोमवार व्रत, अन्दल जयंती, विनायक चतुर्थी
- 29 जुलाई 2025- नाग पंचमी, तृतीय मंगला गौरी व्रत
- 30 जुलाई 2025- कल्की जयंती, स्कन्द षष्ठी
- 31 जुलाई 2025- तुलसीदास जयंती
जुलाई 2025 में होंगा 6 बड़े ग्रहों का गोचर
जुलाई 2025 का महीना ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस महीने में कई बड़े और प्रभावशाली ग्रह अपनी चाल बदलेंगे, जिससे विभिन्न राशियों के जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन होने की संभावना है।
- 9 जुलाई (बुधवार): गुरु ग्रह (बृहस्पति), जो ज्ञान और समृद्धि का कारक है, मिथुन राशि में रात 10:50 बजे उदय करेंगे। यह गोचर बुद्धि, व्यापार और आध्यात्मिक प्रगति के लिए शुभ संकेत लेकर आएगा।
- 13 जुलाई (रविवार): शनि देव, जो कर्म और न्याय के प्रतीक हैं, मीन राशि में सुबह 7:24 बजे वक्री अवस्था में प्रवेश करेंगे। इस दौरान आत्ममंथन और पुराने कर्मों का विश्लेषण करने का समय होगा।
- 16 जुलाई (बुधवार): सूर्य देव, जो आत्मा और ऊर्जा के कारक हैं, कर्क राशि में शाम 5:17 बजे गोचर करेंगे। यह कर्क संक्रांति का प्रारंभ होगा, जो भावनात्मक और पारिवारिक मामलों में नए बदलाव ला सकता है।
- 18 जुलाई (शुक्रवार): बुध ग्रह, जो बुद्धि और संचार का प्रतीक है, कर्क राशि में सुबह 9:45 बजे वक्री हो जाएंगे। इस अवधि में संचार, यात्रा और निर्णय लेने में सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।
- 24 जुलाई (गुरुवार): बुध ग्रह कर्क राशि में ही शाम 7:42 बजे अस्त हो जाएंगे। इस दौरान व्यापारिक और बौद्धिक कार्यों में कुछ रुकावटें आ सकती हैं, इसलिए धैर्य रखना जरूरी होगा।
- 26 जुलाई (शनिवार): शुक्र ग्रह, जो प्रेम और सौंदर्य का कारक है, मिथुन राशि में सुबह 8:45 बजे प्रवेश करेंगे। यह गोचर रिश्तों, कला और विलासिता से जुड़े मामलों में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
- 28 जुलाई (सोमवार): मंगल ग्रह, जो साहस और ऊर्जा का प्रतीक है, कन्या राशि में शाम 7:02 बजे गोचर करेंगे। यह परिवर्तन कार्यक्षमता, स्वास्थ्य और सेवा से संबंधित मामलों में नई ऊर्जा और दृढ़ता प्रदान करेगा।
बच्चे के जन्म के बाद हिंदू परंपरा में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान किया जाता है जिसे मुंडन संस्कार कहा जाता है। यह अनुष्ठान न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि यह व्यक्ति की आत्मा की शुद्धि और नई शुरुआत का प्रतीक भी है।
नई दुकान खोलना एक महत्वपूर्ण कदम है जिसमें आपके भविष्य की सफलता और समृद्धि की नींव रखी जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, किसी भी नए उद्यम की शुरुआत करने से पहले शुभ मुहूर्त और तिथि का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
हिंदू धर्म में 16 संस्कारों का विशेष महत्व है और उनमें नौवां संस्कार है कर्णवेध। यह संस्कार बच्चे के कान छिदवाने का समय होता है जो सामान्यतः 1 से 5 वर्ष की उम्र में किया जाता है।
नई दुकान खोलना एक महत्वपूर्ण कदम है जिसमें आपके भविष्य की सफलता और समृद्धि की नींव रखी जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, किसी भी नए उद्यम की शुरुआत करने से पहले शुभ मुहूर्त और तिथि का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।