ज्येष्ठ माह 2025 व्रत-त्योहार की लिस्ट

Jyeshtha Month 2025 Vrat Tyohar List: ज्येष्ठ माह में आएंगे ये प्रमुख व्रत और त्योहार, यहां देखें पूरी लिस्ट


हिंदू पंचांग में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्त्व होता है। 12 मई 2025, सोमवार को वैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा दोनों ही हैं। यह दिन धार्मिक दृष्टि से बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान, लक्ष्मी-नारायण की पूजा और सत्यनारायण व्रत का विशेष महत्व है। इसके अगले दिन से ज्येष्ठ मास की शुरुआत होगी, जो धार्मिक व्रत-त्योहारों से भरपूर होता है। आपको बता दें कि 12 मई को वैशाख पूर्णिमा के बाद 13 मई से ज्येष्ठ मास शुरू हो जाएगा। इस महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे, जो धार्मिक रूप से बहुत पुण्यदायक माने जाते हैं। आइए जानते हैं इस माह में आने वाले व्रत-त्योहारों के बारे में...


ज्येष्ठ माह के व्रत और त्योहारों की तिथियां 

13 मई – नारद जयंती

ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को नारद मुनि की जयंती मनाई जाती है। नारद जी को देवताओं और मनुष्यों के बीच संवाद सेतु माना जाता है।

15 मई – वृषभ संक्रांति

इस दिन सूर्यदेव मेष से वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन स्नान, दान और पूजा का विशेष महत्व होता है।

16 मई – संकष्टी चतुर्थी

भगवान गणेश को समर्पित यह दिन संकटों को दूर करने वाला माना जाता है। इस दिन व्रत रखकर चंद्रमा के दर्शन करने की परंपरा है।

23 मई – अपरा एकादशी

यह एकादशी व्रत पापों से मुक्ति दिलाने वाला होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।

24 मई – शनि त्रयोदशी और प्रदोष व्रत

यह दिन शनि देव और भगवान शिव दोनों की पूजा के लिए विशेष होता है। संध्या समय शिव पूजा का विशेष महत्व है।

25 मई – मासिक शिवरात्रि

हर महीने की शिवरात्रि की तरह इस दिन भी व्रत रखकर रात्रि में शिवजी की आराधना की जाती है।

26 मई – वट सावित्री व्रत

यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। इस दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है।

27 मई – ज्येष्ठ अमावस्या और शनि जयंती

इस दिन अमावस्या स्नान, पितरों को तर्पण और दान करना शुभ होता है। साथ ही यह दिन शनिदेव की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।

29 मई – महाराणा प्रताप जयंती

वीरता और देशभक्ति के प्रतीक महाराणा प्रताप की जयंती इस दिन मनाई जाती है।

30 मई – विनायक चतुर्थी

भगवान गणेश की पूजा इस दिन की जाती है। विशेषकर नए कार्यों की शुरुआत के लिए यह दिन शुभ माना जाता है।

3 जून – धूमावती जयंती

धूमावती देवी दस महाविद्याओं में एक हैं। तंत्र साधना और विशेष आराधना इस दिन की जाती है।

4 जून – महेश नवमी

यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। विशेष रूप से नाथ समाज इस दिन को धूमधाम से मनाता है।

5 जून – गंगा दशहरा

यह पर्व गंगा के धरती पर अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान कर दान-पुण्य किया जाता है।

6 जून – निर्जला एकादशी और गायत्री जयंती

निर्जला एकादशी सबसे कठिन व्रत माना जाता है, जिसमें बिना पानी के उपवास किया जाता है। इसी दिन गायत्री माता की जयंती भी मनाई जाती है।

8 जून – शुक्ल पक्ष प्रदोष व्रत

भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए यह दिन अत्यंत शुभ होता है।

10 जून – वट पूर्णिमा व्रत

विवाहित महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करके सौभाग्य की कामना करती हैं। यह व्रत विशेष रूप से महाराष्ट्र में प्रसिद्ध है।

11 जून – ज्येष्ठ पूर्णिमा और कबीरदास जयंती

इस दिन संत कबीर की जयंती मनाई जाती है। वे समाज सुधारक और भक्तिकाल के महान संत माने जाते हैं। इस दिन स्नान, ध्यान, जप और दान का विशेष महत्व है।


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