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कैसी लीला रचाई जी हनुमत बालाजी: भजन (Kaisi Leela Rachai Ji Hanumat Balaji)

कैसी लीला रचाई जी हनुमत बालाजी: भजन (Kaisi Leela Rachai Ji Hanumat Balaji)

कैसी लीला रचाई जी,

के हनुमत बालाजी,

कैसी लीला रचायी जी,

के बजरंग बालाजी ॥


खेल करत अंबर में निकल गए,

समझ के फल तुम सूरज निगल गये,

करी देवो ने विनती जी,

के बजरंग बालाजी,

कैसी लीला रचायी जी,

के बजरंग बालाजी ॥


दसकंधर किया हरण सिया का,

लंका में जा पता किया था,

तुमने लंका जलाई जी,

के बजरंग बालाजी,

कैसी लीला रचायी जी,

के बजरंग बालाजी ॥


लंका जला शांत की ज्वाला,

मछली पेट गर्भ तुम डाला,

की सूत से लड़ाई जी,

के बजरंग बालाजी,

कैसी लीला रचायी जी,

के बजरंग बालाजी ॥


शक्तिबाण लग्यो लक्ष्मण के,

संकट मे थे प्राण लखन के,

करी तुरत सहाई जी,

के बजरंग बालाजी,

कैसी लीला रचायी जी,

के बजरंग बालाजी ॥


अहिरावण ने की चतुराई,

राम लखन दोउ लिए चुराई,

ली बंद छुड़ाई जी,

के बजरंग बालाजी,

कैसी लीला रचायी जी,

के बजरंग बालाजी ॥


‘गीता’ भी है तेरी सेवक,

मेरी नैया के तुम केवट,

दो पार लगाई जी,

के बजरंग बालाजी,

कैसी लीला रचायी जी,

के बजरंग बालाजी ॥


कैसी लीला रचाई जी,

के हनुमत बालाजी,

कैसी लीला रचायी जी,

के बजरंग बालाजी ॥

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महाकाल की शरण मे (Mahakal Ki Sharan Mein)

सबको मिला सहारा,
महाकाल की शरण में,

कृष्ण घर नन्द के जन्मे, सितारा हो तो ऐसा हो (Krishna Ghar Nand Ke Janme Sitara Ho To Aisa Ho)

कृष्ण घर नन्द के जन्मे,
दुलारा हो तो ऐसा हो,

कृष्ण जिनका नाम है (Krishna Jinka Naam Hai Gokul Jinka Dham Hai)

कृष्ण जिनका नाम है,
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विवाह पंचमी कब है

विवाह पंचमी एक विशेष हिंदू पर्व है, जो भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह के अवसर पर मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से रामभक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।

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