लहर लहर लहरा गई रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
माँ की चुनरियाँ,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
लहर लहर लहरा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ ॥
उड़के चुनरिया बरसाने को पहुंची,
उड़के चुनरिया बरसाने में पहुंची,
राधा जी के मन को भा गई रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
लहर लहर लहरा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ ॥
उड़के चुनरिया अयोध्या को पहुंची,
उड़के चुनरिया अयोध्या में पहुंची,
सिता जी के मन को भा गई रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
लहर लहर लहरा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ ॥
उड़के चुनरिया हरिधाम को पहुंची,
उड़के चुनरिया हरिधाम में पहुंची,
लक्ष्मी जी के मन को भा गई रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
लहर लहर लहरा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ ॥
उड़के चुनरिया कैलाश को पहुंची,
उड़के चुनरिया कैलाश में पहुंची,
गौरा जी के मन को भा गई रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
लहर लहर लहरा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ ॥
उड़के चुनरिया मेवाड़ को पहुंची,
उड़के चुनरिया मेवाड़ में पहुंची,
मीरा जी के मन को भा गई रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
लहर लहर लहरा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ ॥
उड़के चुनरिया कीर्तन में पहुंची,
उड़के चुनरिया कीर्तन में पहुंची,
भक्तों के मन को भा गई रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
लहर लहर लहरा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ ॥
लहर लहर लहरा गई रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
माँ की चुनरियाँ,
मेरी माँ की चुनरियाँ,
लहर लहर लहरा गयी रे,
मेरी माँ की चुनरियाँ ॥
अद्भुत संयोगों के साथ पुनपुन में अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेला प्रारंभ, तीन पीढ़ियों तक श्राद्ध किया जाता है I
मनुष्य जीवन में कामना-पूर्ति के लिए किए जाते हैं अलग-अलग श्राद्ध, जानिए कितने प्रकार के होते हैं
नवरात्रि में सभी सिद्धियों का दाता है मैय्या का सिद्धिदात्री स्वरुप, स्वयं शिव ने भी प्राप्त की हैं मैय्या से शक्तियां
जगत जननी मां दुर्गा की आराधना के पावन पर्व नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा करने का विधान है। यह मैया के सबसे सुंदर स्वरूपों में से एक है। आदिशक्ति मां भवानी दुर्गा का अष्टम रूप बड़ा ही मनमोहक और मनभावन है। महागौरी मैय्या अपने अन्य रूपों की तुलना में बहुत अधिक गोरे वर्ण वाली है। तो भक्त वत्सल की नवरात्रि विशेषांक के दसवें लेख में जानिए मां के आठवें स्वरूप महागौरी के बारे में विस्तार से…….