गौरा माता दी अख दा तारा,
शिव शंकर दा राजदुलारा,
मनाओ जी गणेश भक्तो,
मनाओ जी गणेश भक्तों ॥
मत्थे चन्दन तिलक सुहावे,
गल पुष्पा दी माला पावे,
चढ़े पान फूल संग मेवा,
करे संतन रल मिल सेवा,
मनाओ जी गणेश भक्तों,
मनाओ जी गणेश भक्तों ॥
सब तो पेहला होंदी पूजा,
गणपति वरगा देव ना दूजा,
काम बिगड़े ऐ सबदे बणोंदा,
झोली जग सारे आदे भरोंदा,
मनाओ जी गणेश भक्तों,
मनाओ जी गणेश भक्तों ॥
राजू वि हरिपुरिया बोले,
गावे सलीम ना कदे वि डोले,
आवो पुजले एक मन होके,
ऐ दी चरणी आन खलोके,
मनाओ जी गणेश भक्तों,
मनाओ जी गणेश भक्तों ॥
गौरा माता दी अख दा तारा,
शिव शंकर दा राजदुलारा,
मनाओ जी गणेश भक्तो,
मनाओ जी गणेश भक्तों ॥
दीपोत्सव दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव का प्रमुख त्योहार गोवर्धन पूजा हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को आता है।
पापांकुशा एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह त्योहार आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में पड़ता है।
शरद पूर्णिमा के बारे में कहा जाता है कि इस दिन रात को चंद्रमा की रोशनी से अमृत बरसता है। अश्विन मास की पूर्णिमा का ये दिन शरद ऋतु की शुरुआत माना जाता है।
वाल्मीकि जयंती अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इसे शरद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।