गंगा दशहरा, इस वर्ष 5 जून को मनाया जाएगा। यह पर्व गंगा मैया के धरती पर अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है और इस दिन का विशेष महत्व गंगा स्नान और दान-पुण्य के लिए होता है। साथ ही, इस दिन को पितरों की शांति, आत्मा की शुद्धि और परिवार की समृद्धि के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किया गया दान दस गुना पुण्य प्रदान करता है।
गौदान को शास्त्रों में सर्वोच्च दान माना गया है। गंगा दशहरा के दिन यदि सामर्थ्य हो तो गाय या अन्य पशु जैसे बकरी का दान करने से भी अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है।
गंगाजल स्वयं में पवित्र और शक्तिशाली होता है। इसका दान करने से घर में शुद्धता बनी रहती है, पापों का अंत होता है और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। यदि किसी को स्नान के लिए गंगाजल देना संभव हो, तो यह विशेष फलदायक होता है।
गरीबों को अन्न, मिठाई, फल और वस्त्र देना अत्यंत पुण्यकारी है। खासकर गर्मियों में वस्त्र और जल से संबंधित चीजों का दान करना शीतलता और पुण्य दोनों प्रदान करता है।