हरि का भजन करो,
हरि है तुम्हारा,
हरि के भजन बिन,
हरि के भजन बिन, नहीं गुजारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
हरि नाम से तेरा काम बनेगा,
हरि नाम ही तेरे साथ चलेगा,
हरि नाम लेने वाला,
हरि नाम लेने वाला, हरि का है प्यारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
कोई कहे राधे-श्याम,
कोई कहे सीता-राम,
कोई गिरिधर गोपाल,
कोई राधा-माधव नाम,
वो ही हरि दीन बंधू,
वो ही हरी करुणा सिन्धु,
नमो बारम्बारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
सुख़ दुःख भोगे जाओ,
लेखा सब मिटाते जाओ,
हरि गुण गाते जाओ,
हरि को रिझाते जाओ,
वो ही हरि दीन-बंधू,
वो ही हरी करुणा-सिन्धु,
सबका है प्यारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
दीनो पर दया करो,
बने तो सेवा भी करो,
मोह सब दूर करो,
प्रेम हरि से करो,
ये ही भक्ति ये ही योग,
ये ही ज्ञान सारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
हरि का भजन करो,
हरि है तुम्हारा,
हरि के भजन बिन,
हरि के भजन बिन, नहीं गुजारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
मेरो कान्हा गुलाब को फूल,
किशोरी मेरी कुसुम कली ॥
भानु सप्तमी हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखती है, जो सूर्य देव को समर्पित होती है। इस दिन सूर्य देव की पूजा और उपासना से न केवल जीवन में तेज और ऊर्जा प्राप्त होती है, बल्कि आयु, स्वास्थ्य और समृद्धि में भी वृद्धि होती है।
हिंदू धर्म में सूर्य उपासना को अत्यधिक महत्व दिया गया है। सूर्य देव को ऊर्जा, जीवन और स्वास्थ्य का कारक माना जाता है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ, स्नान-दान और भगवान की आराधना करने से साधक को शुभ फल प्राप्त होते हैं।