हरि का भजन करो,
हरि है तुम्हारा,
हरि के भजन बिन,
हरि के भजन बिन, नहीं गुजारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
हरि नाम से तेरा काम बनेगा,
हरि नाम ही तेरे साथ चलेगा,
हरि नाम लेने वाला,
हरि नाम लेने वाला, हरि का है प्यारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
कोई कहे राधे-श्याम,
कोई कहे सीता-राम,
कोई गिरिधर गोपाल,
कोई राधा-माधव नाम,
वो ही हरि दीन बंधू,
वो ही हरी करुणा सिन्धु,
नमो बारम्बारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
सुख़ दुःख भोगे जाओ,
लेखा सब मिटाते जाओ,
हरि गुण गाते जाओ,
हरि को रिझाते जाओ,
वो ही हरि दीन-बंधू,
वो ही हरी करुणा-सिन्धु,
सबका है प्यारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
दीनो पर दया करो,
बने तो सेवा भी करो,
मोह सब दूर करो,
प्रेम हरि से करो,
ये ही भक्ति ये ही योग,
ये ही ज्ञान सारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
हरि का भजन करो,
हरि है तुम्हारा,
हरि के भजन बिन,
हरि के भजन बिन, नहीं गुजारा,
हरि का भजन करों,
हरि है तुम्हारा॥
झारखंड राज्य के रामगढ़ जिले में स्थित रजरप्पा का छिन्नमस्तिका देवी मंदिर एक अद्भुत शक्तिपीठ है, जहां बिना सिर वाली देवी की पूजा की जाती है। यह मंदिर तांत्रिक विद्या के लिए भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह स्थान विशेष और रहस्यमय महत्व रखता है।
कूर्म जयंती, भगवान विष्णु के दूसरे अवतार कूर्म ‘कछुए’ के रूप में प्रकट होने की तिथि है। इस साल कूर्म जयंती 12 मई, सोमवार को मनाई जाएगी। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का विशेष धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान श्री विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से समृद्धि, संतान सुख और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।
बुद्ध पूर्णिमा, जिसे बुद्ध जयंती भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म का प्रमुख पर्व है। यह दिन भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण की तिथि के रूप में मनाया जाता है। इस साल बुद्ध पूर्णिमा 12 मई, सोमवार को है।