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कीर्तन है वीर बजरंग का(Kirtan Hai Veer Bajrang Ka)

कीर्तन है वीर बजरंग का(Kirtan Hai Veer Bajrang Ka)

कीर्तन है वीर बजरंग का,

नच नच कर इनको मना,

तभी तो बाबा आएंगे,

राम गुण गाएंगे,

कीर्तन होगा आज,

कीर्तन होगा आज ॥


पैरों में घुंघरू बांधे,

जब नाचे हनुमाना,

प्रभु राम को रिझाये,

ऐसा है जग ने माना,

उनपे दया की दृष्टि,

रखते है मेरे बाबा,

जो सच्चे दिल से ध्यावे,

पाते है सबसे ज्यादा,

है अति बलवाना,

सारे जग ने है माना,

अब तू भी ले ले नाम,

जब माने हनुमान,

नही होगा अनुमान,

ऐसा बनेगा तेरा काम,

तभी तो बाबा आएंगे,

राम गुण गाएंगे,

कीर्तन होगा आज,

कीर्तन होगा आज ॥


कहते है दुनिया वाले,

सीने में राम तेरे,

जपता रहा है ‘कमली’,

दर पे लगा के फेरे,

मंगल और शनि को,

तेरे दर पर जो भी आये,

जीवन के बिगड़े काम को,

इक पल में वो बनाये,

मैं तो आऊँ तेरे दर,

मुझे मिलता है वर,

ना छोडूंगा तेरा दर,

तुम आओ इस दर,

ये है अजर अमर,

इन्हें मिल के याद तो कर,

तभी तो बाबा आएंगे,

राम गुण गाएंगे,

कीर्तन होगा आज,

कीर्तन होगा आज ॥


कीर्तन है वीर बजरंग का,

नच नच कर इनको मना,

तभी तो बाबा आएंगे,

राम गुण गाएंगे,

कीर्तन होगा आज,

कीर्तन होगा आज ॥

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राहु: कलयुग में अति प्रभावी ग्रह , Raahu: kalayug mein ati prabhaavee grah

भ्रम, क्रोध, अकस्मात लेन देन करने वाले, अज्ञात भय देने वाले, राजनीति, विदेशी व्यापार, सॉफ्टवेयर से जुड़े क्षेत्र के कारक ग्रह राहु देव हैं, वैसे तो राहु की अपनी कोई राशि नही हैं और इस की स्तिथि का कोई अनुमान नही हैं क्यूंकि ये एक छाया ग्रह हैं फिर भी ज्योतिष शास्त्रीयों के अनुसार राहु सूर्य से 10,000 योजन नीचे रहकर अंतरिक्ष में भ्रमण करता है। , Bhram, krodh, akasmaat len den karane vaale, agyaat bhay dene vaale, raajaneeti, videshee vyaapaar, sophtaveyar se jude kshetr ke kaarak grah raahu dev hain, vaise to raahu kee apanee koee raashi nahee hain aur is kee stithi ka koee anumaan nahee hain kyoonki ye ek chhaaya grah hain phir bhee jyotish shaastreeyon ke anusaar raahu soory se 10,000 yojan neeche rahakar antariksh mein bhraman karata hai.

केतु: कलयुग की माया से मुक्ति का ग्रह , Ketu: kalayug kee maaya se mukti ka grah

आध्यात्म का लक्ष्य मोक्ष है, गुरु ग्रह आध्यात्मिक मार्ग है और केतु मोक्ष है केतु का प्रभाव व्यक्ति के आत्मिक और आध्यात्मिक विकास को बढ़ाता है। केतु को आध्यात्म, ज्योतिष, वैराग्य, मोक्ष, तंत्र , वायरस व अंतर्मुखी होने कारक माना जाता है। , Adhyaatm ka lakshy moksh hai, guru grah aadhyaatmik maarg hai aur ketu moksh hai ketu ka prabhaav vyakti ke aatmik aur aadhyaatmik vikaas ko badhaata hai. ketu ko aadhyaatm, jyotish, vairaagy, moksh, tantr , vaayaras va antarmukhee hone kaarak maana jaata hai.

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