कीर्तन है वीर बजरंग का(Kirtan Hai Veer Bajrang Ka)

कीर्तन है वीर बजरंग का,

नच नच कर इनको मना,

तभी तो बाबा आएंगे,

राम गुण गाएंगे,

कीर्तन होगा आज,

कीर्तन होगा आज ॥


पैरों में घुंघरू बांधे,

जब नाचे हनुमाना,

प्रभु राम को रिझाये,

ऐसा है जग ने माना,

उनपे दया की दृष्टि,

रखते है मेरे बाबा,

जो सच्चे दिल से ध्यावे,

पाते है सबसे ज्यादा,

है अति बलवाना,

सारे जग ने है माना,

अब तू भी ले ले नाम,

जब माने हनुमान,

नही होगा अनुमान,

ऐसा बनेगा तेरा काम,

तभी तो बाबा आएंगे,

राम गुण गाएंगे,

कीर्तन होगा आज,

कीर्तन होगा आज ॥


कहते है दुनिया वाले,

सीने में राम तेरे,

जपता रहा है ‘कमली’,

दर पे लगा के फेरे,

मंगल और शनि को,

तेरे दर पर जो भी आये,

जीवन के बिगड़े काम को,

इक पल में वो बनाये,

मैं तो आऊँ तेरे दर,

मुझे मिलता है वर,

ना छोडूंगा तेरा दर,

तुम आओ इस दर,

ये है अजर अमर,

इन्हें मिल के याद तो कर,

तभी तो बाबा आएंगे,

राम गुण गाएंगे,

कीर्तन होगा आज,

कीर्तन होगा आज ॥


कीर्तन है वीर बजरंग का,

नच नच कर इनको मना,

तभी तो बाबा आएंगे,

राम गुण गाएंगे,

कीर्तन होगा आज,

कीर्तन होगा आज ॥

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मंत्र जाप के लाभ

‘मंत्र’ शब्द संस्कृत भाषा से आया है। यहां 'म' का अर्थ है मन और 'त्र' का अर्थ है मुक्ति। मंत्रों का जाप मन की चिंताओं को दूर करने, तनाव और रुकावटों को दूर करने एवं आपको बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित करने में मदद करने का एक सिद्ध तरीका है।

जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा (Jaha Le Chaloge Vahi Me Chalunga)

जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,
जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ।

प्रदोष व्रत क्यों रखा जाता है?

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। दरअसल, यह व्रत देवाधिदेव महादेव शिव को ही समर्पित है। प्रदोष व्रत हर माह में दो बार, शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।

राम आरती होन लगी है (Ram Aarti Hone Lagi Hai)

जगमग जगमग जोत जली है,
राम आरती होन लगी है..

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