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शनि त्रयोदशी की भोग सामग्री

शनि त्रयोदशी की भोग सामग्री

Shani Trayodashi 2025: शनि त्रयोदशी के दिन शनिदेव को क्या भोग लगाएं? जानिए यहां 



शनि त्रयोदशी का पर्व शनि देव की पूजा और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए बेहद खास होता है। इस दिन सही तरीके से पूजा करने और खास भोग अर्पित करने से शनि ग्रह के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है। इस साल शनि त्रयोदशी 11 जनवरी 2025 को सुबह 8 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर 12 जनवरी 2025 को सुबह 6 बजकर 33 मिनट तक रहेगी, वहीं शनि प्रदोष पूजा का मुहूर्त 11 जनवरी को शाम 5 बजकर 43 मिनट से लेकर 8 बजकर 26 मिनट तक रहेगा, इस दौरान शनि देव की पूजा विधिपूर्वक करनी चाहिए, ताकि उनकी कृपा प्राप्त हो सके। ऐसे में इस दिन शनिदेव को क्या भोग लगाने से लाभ हो सकता है, इसके बारे में जानते हैं... 


खिचड़ी का भोग


शनि त्रयोदशी के दिन शनिदेव को खिचड़ी को भोग जरूर लगाएं। बता दें, शनिदेव को खिचड़ी बहुत प्रिय है। कहते हैं इसका भोग लगाने से व्यक्ति को शुभ परिणाम मिल सकते हैं।साथ ही जीवन में आने वाली समस्याओं से भी छुटकारा मिल सकता है। इसलिए आप इस दिन उड़द की खिचड़ी बनाकर उन्हें भोग लगाएं और फिर स्वयं खाएं। ऐसा करने से अवश्य लाभ मिलेगा। 


काले तिल के लड्डू का भोग


शनि त्रयोदशी के दिन शनिदेव को काले तिल के लड्डू का भोग जरूर लगाएं। ऐसा कहते है कि शनिदेव को काले तिल के लड्डू को भोग लगाने से व्यक्ति को शनिदोष से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही जिसकी भी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव है, उससे भी छुटकारा मिल सकता है। बता दें, शनिदेव की पूजा करने के दौरान काले तिल के लड्डू को भोग लगाने सौभाग्य से कम नहीं माना जाता है।


काले चने का भोग


काले चने का भोग शनि देव को अर्पित करने के लिए बहुत खास माना जाता है, काले चने का सेवन या भोग शनि देव को प्रिय होता है और इसे अर्पित करने से जीवन में आ रही समस्याओं से राहत मिल सकती है। खासकर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।

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गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa)

गुड़ी पड़वा हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान रखता है। ऐसा माना जाता है कि गुड़ी को घर पर फहराने से घर से नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं और जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है।

महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि , Mahishasuramardini Stotram - Aayi Girinandini

अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते
गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।

दुर्गा पूजा पुष्पांजली

प्रथम पुष्पांजली मंत्र
ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी ।
दुर्गा, शिवा, क्षमा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तु ते॥
एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥ Pratham Puspanjali Mantra
om jayanti, mangla, kali, bhadrakali, kapalini .
durga, shiva, kshama, dhatri, svahaa, svadha namo̕stu te॥
esh sachandan gandh pusp bilva patranjali om hrim durgaye namah॥

शिव पंचाक्षर स्तोत्र मंत्र (Shiv Panchakshar Stotram )

॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,
तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥ ॥ Shrishivpanchaksharastotram ॥
nagendraharay trilochanay,
bhasmangaragay maheshvaray .
nityay shuddhay digambaray,
tasmai na karay namah shivay .1.

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