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उत्पन्ना एकादशी पर एकाक्षी नारियल अर्पण

उत्पन्ना एकादशी पर एकाक्षी नारियल अर्पण

उत्पन्ना एकादशी पर भगवान विष्णु को एकाक्षी नारियल अर्पित करने से मिलेगा ये फल, जानें चढ़ाने के नियम  


उत्पन्ना एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु और एकादशी माता की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन एकादशी माता का जन्म हुआ था, जो जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। इस वर्ष उत्पन्ना एकादशी 26 नवंबर को मनाई जा रही है। धार्मिक मत है कि विष्णु भगवान को तुलसी प्रिय है, और इस दिन पूजा में तुलसी चढ़ाने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। लेकिन क्या आप जानते है कि इस दिन भगवान विष्णु को एकाक्षी नारियल चढ़ाने का भी विशेष महत्व है। आइये इस लेख में जानते हैं एकाक्षी नारीयल क्या होता है?  उत्पन्ना एकादशी पर इसको चढ़ाने का क्या महत्व है और इसे चढ़ाने के नियम क्या है? 


एकाक्षी नारियल क्या होता है? 


एकाक्षी नारियल का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है। एकाक्षी नारियल एक विशेष प्रकार का नारियल होता है, जिसमें केवल एक ही आंख होती है। आमतौर पर सामान्य नारियल में तीन आंखें यानी तीन छेद होते हैं। यह एक दुर्लभ और पवित्र नारियल माना जाता है, जो भगवान विष्णु को चढ़ाने के लिए विशेष रूप से उपयोग किया जाता है। इसे चढ़ाने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है साथ ही कभी धन की कमी नहीं होती और सुख संपत्ति के साथ ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।


उत्पन्ना एकादशी पर एकाक्षी नारियल चढ़ाने का महत्व 


एकाक्षी नारियल का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है, और इसके कई लाभ हैं। एकाक्षी नारियल एक विशेष प्रकार का नारियल होता है, जो भगवान विष्णु का प्रिय फल माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकाक्षी नारियल को माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। भगवान विष्णु ने स्वयं इस फल को पृथ्वी पर लाया था, और इसकी पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य का आशीर्वाद मिलता है। एकाक्षी नारियल को भगवान विष्णु को अर्पित करने से परिवार में शांति और समृद्धि बनी रहती है, और जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती। इसके अलावा, यह उपाय व्यवसाय में सफलता दिलाने के साथ-साथ वास्तु दोष से मुक्ति दिलाने में भी मददगार है। 


भगवान विष्णु को एकाक्षी नारियल चढ़ाते समय इन बातों का रखें ध्यान 


पहले, नारियल को गंगाजल से स्पर्श करें, जो शुभ माना जाता है। इसके बाद, नारियल पर अक्षत चढ़ाएं। भगवान विष्णु को नारियल अर्पित करते समय, मंत्रों का जाप जरूर करें। एकाक्षी नारियल ही चढ़ाएं, जो भगवान विष्णु का प्रिय फल माना जाता है। एकाक्षी नारियल को लाल या पीले कपड़े में लपेटकर चढ़ाएं, जो शुभ माना जाता है। अगर आपके घर में किसी भी प्रकार का वास्तु दोष है, तो एकाक्षी नारियल को घर में लाल कपड़े में लपेटकर रखें। इससे शुभ फल मिल सकते हैं और वास्तु दोष से मुक्ति मिल सकती है।


इन मंत्रों का करें जप 


  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
  • ॐ विष्णवे नमः
  • ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।:
  • ॐ नमो नारायण:
  • ॐ अं वासुदेवाय नमः
  • ॐ आं संकर्षणाय नमः
  • ॐ अं प्रद्युम्नाय नमः
  • ॐ अ: अनिरुद्धाय नमः
  • ॐ नारायणाय नमः

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