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होलाष्टक में करें इन देवी-देवताओं की पूजा

होलाष्टक में करें इन देवी-देवताओं की पूजा

Holashtak Puja: होलाष्टक में करें इन 5 देवी-देवताओं की आराधना, दूर होंगी सभी परेशानियां


होलाष्टक का समय फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से पूर्णिमा (होलिका दहन) तक रहता है। यह अवधि अशुभ मानी जाती है, इसलिए विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते। लेकिन इस दौरान पूजा-पाठ, मंत्र जाप और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि इन आठ दिनों में विशेष देवी-देवताओं की पूजा की जाए, तो व्यक्ति को सुख-समृद्धि, मानसिक शांति और कष्टों से मुक्ति मिल सकती है। आइए जानते हैं कि होलाष्टक में किन देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए।



1. भगवान विष्णु


होलाष्टक के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। विष्णु जी की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यदि किसी व्यक्ति के जीवन में कोई परेशानी चल रही है, तो इस पूजा से राहत मिल सकती है।


पूजा विधि:


  • विष्णु सहस्रनाम या "ॐ विष्णवे नमः" मंत्र का जाप करें।
  • पीले वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करें।
  • होलाष्टक के दौरान व्रत रखें और विष्णु भगवान को प्रसाद अर्पित करें।



2. भगवान हनुमान


हनुमान जी की पूजा करने से मंगल दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। जो लोग कोर्ट-कचहरी, नौकरी या स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके लिए हनुमान जी की पूजा करना विशेष फलदायी हो सकता है।


पूजा विधि:


  • मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ करें।
  • हनुमान जी को चोला चढ़ाएं और गुड़-चने का भोग लगाएं।



3. भगवान नरसिंह


भगवान नरसिंह भगवान विष्णु का अवतार हैं। उन्होंने होलिका दहन के दिन अपने परम भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी। इसलिए, होलाष्टक के दौरान भगवान नरसिंह की पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है।


पूजा विधि:


  • "ॐ नरसिंहाय नमः" मंत्र का जाप करें।
  • भगवान नरसिंह को हल्दी और चंदन अर्पित करें।
  • दान-पुण्य करें और जरूरतमंदों को भोजन कराएं।



4. माता दुर्गा


होलाष्टक के दौरान माता दुर्गा की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मकता का संचार होता है। यदि कोई मानसिक तनाव या भय से गुजर रहा है, तो दुर्गा सप्तशती का पाठ लाभकारी होगा।


पूजा विधि:


  • "ॐ दुं दुर्गायै नमः" मंत्र का जाप करें।
  • माता को लाल फूल, नारियल और मिठाई अर्पित करें।
  • कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें उपहार दें।



5. भगवान शिव


भगवान शिव की पूजा से जीवन में शांति और स्थिरता आती है। होलाष्टक के दौरान शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र अर्पित करने से विशेष लाभ होता है।


पूजा विधि:


  • "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
  • शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें।
  • भगवान शिव को भांग, धतूरा और बिल्व पत्र अर्पित करें।



होलाष्टक के दौरान पूजा के नियम:


  • विष्णु, नरसिंह, हनुमान, दुर्गा और शिव जी की पूजा करें।
  • मंत्र जाप, हवन और दान-पुण्य करें।
  • किसी जरूरतमंद की मदद करें और अन्न-दान करें।
  • शांत चित्त से ध्यान करें और नकारात्मक विचारों से बचें।

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