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वैशाख मास की अमावस्या पर क्या न करें

वैशाख मास की अमावस्या पर क्या न करें

Vaishakh Amavasya 2025: वैशाख अमावस्या पर भूलकर भी न करें ये काम , इससे हो सकती है धन की हानि


भारतीय संस्कृति में अमावस्या तिथि का हमेशा से विशेष महत्व रहा है। खासकर वैशाख मास की अमावस्या, जिसे 'वैशाख अमावस्या' कहा जाता है। यह तिथि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस वर्ष की वैशाख अमावस्या एक महत्वपूर्ण तिथि है, इसलिए इस दिन कुछ कार्यों से परहेज कर हम अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनाए रख सकते हैं।


वैशाख अमावस्या पर न करें कोई मांगलिक कार्य 

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, वैशाख अमावस्या पर विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन या अन्य मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है। इस दिन चंद्रमा का प्रभाव बहुत कम होता है, जिससे वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है। ऐसे में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करने से बचना चाहिए।


वैशाख अमावस्या पर भूल कर भी न करें झगड़ा

वैशाख अमावस्या के दिन किसी से झगड़ा, अपशब्द बोलना, दूसरों को किसी भी तरह का हानि पहुंचाना या कोई अन्य हिंसात्मक कार्य करने से बचना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन किए गए ऐसे कार्य आपके जीवन में नकारात्मकता और दुर्भाग्य ला सकते हैं।


वैशाख अमावस्या पर न करें शराब का सेवन 

वैशाख अमावस्या की शुभ तिथि पर शराब पीना और मांसाहारी भोजन का सेवन करना हिंदू धर्म में सख्त वर्जित है, क्योंकि यह जीवन में दुर्भाग्य ला सकता है और आर्थिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।


वैशाख अमावस्या पर अनैतिक कार्यों के लिए न करें दान

वैशाख अमावस्या पर दान-पुण्य करना अत्यंत फलदायी माना गया है, लेकिन शास्त्रों के अनुसार, यदि दान अनुचित और अनैतिक कार्यों को बढ़ावा देने के लिए किया जाए, तो वह पुण्य नहीं बल्कि पाप का कारण बनता है। इसलिए इस दिन केवल जरूरतमंद और योग्य व्यक्तियों को ही दान देना चाहिए।

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छठ पूजा ध्यान मंत्र (Chhath Puja Dhyan Mantra)

षष्ठांशां प्रकृते: शुद्धां सुप्रतिष्ठाण्च सुव्रताम्।
सुपुत्रदां च शुभदां दयारूपां जगत्प्रसूम्।।

छठ मंत्र (Chhath Mantra)

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।

कांच ही बांस के बहंगिया (Kaanch Hi Baans Ke Bahangiya)

कांच ही बांस के बहंगिया,
बहंगी लचकति जाए।

पहिले पहिल हम कईनी

पहिले पहिल हम कईनी,
छठी मईया व्रत तोहर,

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