Jyeshtha Maas Katha: ज्येष्ठ मास कथा, पूरे महीने करें इसका पाठ भगवान सूर्यदेव होंगे प्रसन्न
ज्येष्ठ माह हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का तीसरा महीना होता है। यह महीना विशेष रूप से धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसमें कई प्रमुख व्रत, त्योहार और पूजा-अर्चना की जाती है। इस महीने की विशेषता उसकी आस्था और धार्मिक महत्व में है, जो मानव जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए योगदान देता है। आइए जानते हैं इस माह की कथा और धार्मिक महत्व के बारे में...
ज्येष्ठ महीने का महत्व
ज्येष्ठ माह में सूर्य की स्थिति के कारण गर्मी अपने उच्चतम स्तर पर होती है। इस समय लोग जलवायु के प्रभाव से बचने के लिए विशेष धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। इसके अलावा, इस महीने का धार्मिक महत्व इस बात से भी जुड़ा है कि इसमें भगवान विष्णु और शिव के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। विशेष रूप से ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाली ज्येष्ठ अमावस्या और गंगा दशहरे का विशेष महत्व है।
ज्येष्ठ माह में किए जाने वाले प्रमुख व्रत
गंगा दशहरा
यह पर्व गंगा नदी के पृथ्वी पर अवतरण का प्रतीक है। ज्येष्ठ माह के दशहरे के दिन गंगा नदी में स्नान करने और गंगा पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यह व्रत विशेष रूप से उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जाता है।
चांद व्रत
ज्येष्ठ माह में महिलाएं विशेष रूप से चांद के लिए व्रत करती हैं। इस व्रत का उद्देश्य परिवार में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करना है। महिलाएं इस दिन चांद को अर्घ्य देकर व्रत का पालन करती हैं।
एकादशी व्रत
ज्येष्ठ माह की एकादशी व्रत का भी महत्वपूर्ण स्थान है। इस दिन भक्त विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और व्रत का पालन करके अपने जीवन के दुखों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं।
ज्येष्ठ माह की कथा
ज्येष्ठ माह से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा है जो धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस महीने में भगवान विष्णु ने असुरों से संघर्ष करते हुए धर्म की रक्षा की। एक समय की बात है, जब असुरों ने देवताओं को हराकर स्वर्ग पर कब्जा कर लिया था। सभी देवता भयभीत हो गए थे और उन्होंने भगवान विष्णु से सहायता मांगी। भगवान विष्णु ने अपने रूपों को बदलकर असुरों से युद्ध किया और उन्हें पराजित कर देवताओं को उनका स्वर्ग लौटाया। इस कथा के माध्यम से यह सिखाया जाता है कि भगवान विष्णु ने सदैव धर्म की रक्षा की है और इस महीने में पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार की बाधाओं को समाप्त किया जा सकता है।
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