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कब है गणेश जयंती

कब है गणेश जयंती

1 या 2 फरवरी! आखिर किस दिन मनाई जाएगी गणेश जयंती? जानें महत्व, तिथि और शुभ मुहूर्त 


प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती मनाई जाती है। इसे विनायक चतुर्थी अथवा वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश जी का उद्भव हुआ था। इसी के कारण इसे गणेश जयंती के रूप में मनाते हैं। इस दिन गणपति पूजा से हर तरह की परेशानी से निजात मिल जाता है। साथ ही सुख-समृद्धि की आती है। तो आइए, इस आर्टिकल में गणेश जयंती का शुभ मुहूर्त, तिथि और मंत्र के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं। 


कब मनाई जाएगी गणेश जयंती? 


इस साल चतुर्थी तिथि दो दिन होने के कारण असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि आखिर किस दिन गणेश जयंती बनाना शुभ होगा। हालांकि, चतुर्थी तिथि का आरंभ 1 फरवरी 2025 को 11:38 बजे होगा। वहीं, चतुर्थी तिथि का समापन 02 फरवरी 2025 को 09:14 बजे होगा। इस कारण उदया तिथि के आधार पर गणेश जयंती 1 फरवरी 2025 को ही मनाई जाएगी।


गणेश जयंती 2025 का शुभ मुहूर्त 


  • गणेश पूजा मुहूर्त:- 11:38 से 13:34 
  • अवधि:- 01 घंटा 57 मिनट


इस दिन बन रहा शिव और रवि का शुभ योग 


वैदिक पंचांग के अनुसार, गणेश जयंती पर परिघ योग के साथ शिव और रवि योग बन रहा है। इस दिन परिघ योग दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शिव योग आरंभ हो जाएगा। इसके साथ ही रवि योग सुबह में 7 बजकर 9 मिनट से बन रहा है, जो अगले दिन 2 फरवरी को तड़के 2 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। वहीं, गणेश जयंती के दिन भद्रा का साया रात में 10 बजकर 26 मिनट पर लगेगी, जो 2 फरवरी को सुबह 7 बजकर 9 मिनट तक रहेगी। 


जानिए गणेश जयंती का महत्व


पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां पार्वती ने उबटन से गणेश जी की रचना की थी। इस दिन गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश जी की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन के हर एक दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही जीवन में शुभ फल पड़ता है और विध्न बाधाएं से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन चंद्र दर्शन करने की मनाही होती है। माघ शुक्ल चतुर्थी, तिलकुट चतुर्थी और वरद चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है।


गणेश जयंती पर करें गणपति जी के इन मंत्रों का जाप 


  • ॐ गं गणपतये नमः
  • ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा
  • ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा
  • ॐ गं क्षिप्रप्रसादनाय नमः
  • ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट
  • गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्
  • श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा
  • गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजानन: 
  • विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लंबोदराय सकलाय जगद्धितायं
  • अमेयाय च हेरंब परशुधारकाय ते। मूषक वाहनायैव विश्वेशाय नमो नम: 


इन समय ना करें चन्द्र का दर्शन  


गणेश जयंती के दिन चंद्रमा को देखने की मनाही होती है। इस दिन तय अवधि में चंद्रमा देखने से चोरी का दोष लगता है। इसलिए इस दिन सुबह 08:52 से 21:01 तक चंद्र का दर्शन ना करें।

बता दें कि अवधि चन्द्र का दर्शन ना करने की अवधि 12 घंटे 08 मिनट होगी। 


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