Diwali Upay 2025: कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर मनाई जाने वाली दीपावली हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और शुभ पर्व माना जाता है। इस दिन घर-घर दीपों की रोशनी से वातावरण जगमग हो उठता है। दिवाली की रात को महानिशा या सिद्ध रात्रि कहा गया है, क्योंकि यह वह समय होता है जब देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि इस रात की गई साधनाएं, पूजन और उपाय अत्यंत फलदायी होते हैं। यदि कुछ सरल लेकिन प्रभावशाली उपाय इस रात किए जाएं, तो धन-संपत्ति और सुख-समृद्धि में चमत्कारी वृद्धि होती है।
दिवाली की रात मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए देसी घी का सात या नौ मुख वाला दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है। इस दीपक को पूजास्थल या मुख्य द्वार पर रखा जाता है। ऐसा करने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है, स्वास्थ्य अच्छा रहता है और दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। दीपक में शुद्ध देसी घी और कपास की बाती का उपयोग करना शुभ फल को और बढ़ाता है।
लक्ष्मी पूजन के समय सफेद या पीली कौड़ियों का प्रयोग करना विशेष रूप से फलदायी होता है। पूजा के समय पांच कौड़ियां, पांच कमलगट्टे और थोड़ी सी पीली सरसों को लाल कपड़े में बांधकर एक पोटली बनाएं। इस पोटली को देवी लक्ष्मी के चरणों में रखकर ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। अगले दिन यह पोटली अपनी तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रख दें। इससे धन-संबंधी परेशानियां दूर होती हैं और आर्थिक स्थिरता प्राप्त होती है।
दिवाली की रात मां लक्ष्मी को मखाने की खीर का भोग लगाने की परंपरा भी बहुत प्रचलित है। मान्यता है कि इस भोग से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होकर घर में धन, संपत्ति और सुख का आशीर्वाद देती हैं। इससे घर में कभी आर्थिक कमी नहीं रहती और आय के नए मार्ग खुलते हैं।
लक्ष्मी-गणेश पूजा के बाद शंख बजाना अत्यंत शुभ माना गया है। शंख की ध्वनि से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है, जो नकारात्मकता, दरिद्रता और कलह को दूर करती है। घर के सभी कमरों में शंखनाद करने से शांति, सौभाग्य और धन का वास होता है।